जम्मू और कश्मीर के कटरा में विभिन्न विकास परियोजनाओं के शुभारंभ पर प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ

नवोदय वार्ता: जम्मू कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा जी, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी अश्विनी वैष्णव जी, जितेंद्र सिंह, वी सोमन्ना जी, डिप्टी सीएम सुरेंद्र कुमार जी, जम्मू कश्मीर विधानसभा में नेता विपक्ष सुनील जी, संसद में मेरे साथी जुगल किशोर जी, अन्य जनप्रतिनिधिगण और मेरे प्यारे भाइयों और बहनों। वीर जोरावर सिंह जी की यह भूमि है, मैं इस धरती को प्रणाम करता हूं।
आज का ये कार्यक्रम भारत की एकता और भारत की इच्छाशक्ति का विराट उत्सव है। माता वैष्णो देवी के आशीर्वाद से आज वादी-ए-कश्मीर भारत के रेल नेटवर्क से जुड़ गई है। मां भारती का वर्णन करते हुए हम श्रद्धाभाव से कहते आए हैं- कश्मीर से कन्याकुमारी। ये अब रेलवे नेटवर्क के लिए भी हकीकत बन गया है। उधमपुर, श्रीनगर, बारामुला, ये रेल लाइन प्रोजेक्ट, ये सिर्फ नाम नहीं है। ये जम्मू कश्मीर के नए सामर्थ्य की पहचान है। भारत के नए सामर्थ्य का जयघोष है। थोड़ी देर पहले मुझे चिनाब ब्रिज और अंजी ब्रिज का लोकार्पण करने का अवसर मिला है। आज ही दो नई वंदे भारत ट्रेनें जम्मू कश्मीर को मिली हैं। यहां जम्मू में नए मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास हुआ है। 46 हजार करोड़ रुपये के प्रोजेक्टस जम्मू और कश्मीर के विकास को नई गति देंगे। मैं आप सभी लोगों को विकास के नए दौर के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
जम्मू कश्मीर की अनेक पीढ़ियां रेल कनेक्टिविटी का सपना देखते देखते गुजर गई। मैं कल सीएम उमर अब्दुल्ला जी का एक बयान देख रहा था और अभी भाषण में भी बताया, वो भी बोले थे कि जब वो सातवीं-आठवीं में पढ़ते थे, तब से इस प्रोजेक्ट के पूरा होने का इंतजार कर रहे थे। आज जम्मू कश्मीर के लाखों लोगों का सपना पूरा हुआ है। और ये भी हकीकत है, जितने अच्छे काम हैं ना, वो मेरे लिए ही बाकी रहे हैं।
रास्ते में आने जाने की मुश्किलें, मौसम की परेशानी, लगातार पहाड़ों से गिरते पत्थर, ये प्रोजेक्ट पूरा करना मुश्किल था, चुनौतीपूर्ण था। लेकिन हमारी सरकार ने चुनौती को ही चुनौती देने का रास्ता चुना है। आज जम्मू कश्मीर में बन रहे अनेकों ऑल वेदर इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट इसका उदाहरण हैं। कुछ महीने पहले ही सोनमर्ग टनल शुरू हुई है। अभी कुछ देर पहले ही मैं चिनाब और अंजी ब्रिज से होकर आपके बीच आया हूं। इन पुलों पर चलते हुए मैंने भारत के बुलंद इरादों को, हमारे इंजीनियर्स, हमारे श्रमिकों के हुनर और हौसलों को जीया है। चिनाब ब्रिज, दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज है। लोग फ्रांस में, पैरिस में एफिल टावर देखने के लिए जाते हैं। औऱ ये ब्रिज एफिल टावर से भी बहुत ऊंचा है। अब लोग चिनाब ब्रिज के ज़रिए कश्मीर देखने तो जाएंगे ही, ये ब्रिज भी अपने आप में एक आकर्षक टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनेगा। सब लोग सेल्फी प्वाइंट पर जाकर के सेल्फी निकालेंगे। हमारा अंजी ब्रिज भी इंजीनियरिंग का बेहतरीन नमूना है। ये भारत का पहला केबल सपोर्टेड रेलवे ब्रिज है। ये दोनों ब्रिज सिर्फ ईंट, सीमेंट, स्टील और लोहे के ढांचे नहीं हैं, ये पीर पंजाल की दुर्गम पहाड़ियों पर खड़ी, भारत की शक्ति का जीवंत प्रतीक है। ये भारत के उज्ज्वल भविष्य की सिंहगर्जना है। ये दिखाता है, विकसित भारत का सपना जितना बड़ा है, उतना ही बुलंद हमारा हौसला है, हमारा सामर्थ्य है। और सबसे बड़ी बात नेक इरादा है, अपार पुरुषार्थ है।
चिनाब ब्रिज हो या फिर अंजी ब्रिज, ये जम्मू की और कश्मीर की, दोनों क्षेत्रों की समृद्धि का ज़रिया बनेंगे। इससे टूरिज्म तो बढ़ेगा ही, इकॉनॉमी के दूसरे सेक्टर्स को भी लाभ होगा। जम्मू और कश्मीर की रेल कनेक्टिविटी, दोनों क्षेत्रों के कारोबारियों के लिए नए अवसर बनाएगी। इससे यहां की इंडस्ट्री को गति मिलेगी, अब कश्मीर के सेब कम लागत में देश के बड़े बाजारों तक पहुंच पाएंगे और समय पर पहुंच पाएंगे। सूखे मेवे हों या पश्मीना शॉल, यहां का हस्तशिल्प अब आसानी से देश के किसी भी हिस्से तक पहुंच पाएगा। इससे जम्मू कश्मीर के लोगों को देश के दूसरे हिस्सों में आना-जाना भी बहुत आसान होगा।
एक सुनहरा और उज्ज्वल भविष्य जम्मू-कश्मीर का इंतजार कर रहा है। केंद्र सरकार और यहां की सरकार मिलकर, विकास के कार्यों में जुटी हैं, एक दूसरे का सहयोग कर रही हैं। शांति और खुशहाली के जिस रास्ते पर हम आगे बढ़ रहे हैं, हमें उसे लगातार मजबूत करना है। मां वैष्णो के आशीर्वाद से विकसित भारत, विकसित जम्मू-कश्मीर का ये संकल्प सिद्धि तक पहुंचे, इसी कामना के साथ आप सभी को फिर से ये ढेर सारे विकास के प्रोजेक्ट्स के लिए और एक से बढ़कर इतने शानदार प्रोजेक्ट्स के लिए मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं