पाकिस्तान के होगे चार टुकड़े

नवोदय वार्ता, दिल्ली
कुछ विश्लेषकों का मानना है कि पाकिस्तान कई आंतरिक और बाहरी चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिससे देश का विभाजन हो सकता है। इन चुनौतियों में शामिल हैं:
बलूचिस्तान में अलगाववादी आंदोलन: बलूचिस्तान के कुछ हिस्सों में एक लंबे समय से चल रहा स्वतंत्रता आंदोलन है, जिसमें बलूच राष्ट्रवादी पाकिस्तान से अलग होकर अपना स्वतंत्र देश बनाना चाहते हैं।
खैबर पख्तूनख्वा (केपीके) में अस्थिरता: इस प्रांत में आतंकवाद और पश्तून राष्ट्रवाद की भावनाएं मौजूद हैं। कुछ पश्तून अफगानिस्तान के साथ एकीकरण या एक अलग “पश्तूनिस्तान” चाहते हैं।
आर्थिक संकट: पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था गंभीर संकट में है, जिससे सामाजिक अशांति और क्षेत्रीय असमानताएं बढ़ सकती हैं।
राजनीतिक अस्थिरता: देश में राजनीतिक ध्रुवीकरण और अस्थिरता भी विभाजनकारी ताकतों को बढ़ावा दे सकती है।
कुछ रिपोर्टों में यह भी दावा किया गया है कि पाकिस्तान 2030 तक कई हिस्सों में टूट सकता है।
हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये केवल विश्लेषण और भविष्यवाणियां हैं। पाकिस्तान का विभाजन होगा या नहीं, यह कहना अभी भी मुश्किल है। देश की सरकार और सेना देश की एकता बनाए रखने के लिए काम कर रहे हैं।
यहां कुछ हालिया घटनाएं दी गई हैं जो इस विषय से संबंधित हैं:
मार्च 2025 में, बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के आतंकवादियों ने एक ट्रेन का अपहरण कर लिया और सुरक्षाकर्मियों सहित 100 यात्रियों को बंधक बना लिया।
विभिन्न विश्लेषकों ने पाकिस्तान के संभावित विभाजन पर अपने विचार व्यक्त किए हैं, कुछ ने इसे आसन्न बताया है जबकि अन्य ने इसकी संभावना को कम आंका है।
यह स्थिति जटिल है और इस पर लगातार नजर रखने की आवश्यकता है।