पलामू गढ़वा में जेटेट के भाषा में बहुसंख्यक भोजपुरी मगही भाषाई अस्मिता साथ के अन्याय अनुचित,सीएम हेमंत पुनर्विचार करे : कैलाश यादव

पलामू: आज दिनांक 12/6/25 को प्रदेश राजद महासचिव सह मीडिया प्रभारी कैलाश यादव ने प्रेस ब्यान के माध्यम से राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सरकार को सुझाव दिया कि पलामू गढ़वा में भोजपुरी मगही हिंदी स्थानीय लिपि/भाषाई अस्मिता के साथ छेड़छाड़ करना बिल्कुल अनुचित है !
एकीकृत बिहार के समय से पलामू गढ़वा में बहुसंख्य आबादी वाले लोग भोजपुरी मगही भाषा बोलते है वहां का रहन सहन खाना पीना बोल चाल की संस्कृति बिहार से मिलता है !
विदित हो कि पलामू गढ़वा बिहार से सटे हुए स्थान है वहां 100 फीसदी लोग भोजपुरी मगही भाषा का उपयोग करते हैं इसलिए हेमंत सरकार जेटेट परीक्षा में जनजातीय भाषा को अनिवार्य करने को लेकर पुनर्विचार करने की जरूरत है और भाषाई अस्मिता का ख्याल कर वहां के लोगों का भावनाओं और जेटेट परीक्षा ने युवा छात्र के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होना चाहिए एवं भोजपुरी मगही हिंदी भाषा की प्राथमिकता बरकरार रखने की जरूरत है !
यादव ने कहा कि राजद जनजातीय भाषा का समर्थक है उनलोगों के लिए स्कूल कॉलेज में पढ़ाई और शिक्षकों की बहाली हो अकादमिक काउंसिल का गठन किया जाय लेकिन राज्य में स्थानीय स्तर पर क्षेत्रीय भाषा को नजरअंदाज करना सही नहीं है ! उम्मीद है जल्द उचित फैसला लिया जाएगा अन्यथा बेवजह भाषाई एकता में विद्रोह आपसी मतभेद और सामाजिक एकता को कमजोर करने का कमजोर कड़ी हो सकता है !
सादर !
कैलाश यादव
राजद